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मेरी प्राथमिकता जनसेवा, अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर चलता हूं: सिंधिया

केंद्रीय मंत्रिमंडल में पोर्टफोलियो के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरी प्राथमिकता जनसेवा है और उस विचारधारा को जारी रखते हुए मैंने अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर चलते हुए. पद या कोई पद नहीं लेकिन लोगों की निरंतर सेवा हमारे सिंधिया परिवार का पारंपरिक मूल्य है

Updated on: 23 Aug 2023, 04:09 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्रिमंडल में पोर्टफोलियो के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरी प्राथमिकता जनसेवा है और उस विचारधारा को जारी रखते हुए मैंने अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर चलते हुए. पद या कोई पद नहीं लेकिन लोगों की निरंतर सेवा हमारे सिंधिया परिवार का पारंपरिक मूल्य है. बता दें कि ज्योतिरादित्या सिंधिया बीजेपी से पहले कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे. मध्य प्रदेश में सिंधिया का कांग्रेस की सरकार बनाने में बड़ा योगदान माना जाता है. वहीं, जब ज्योतिरादित्या सिंधिया कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी में शामिल हुए तो एमपी की कमलनाथ सरकार को गिरा दिया. उनके समर्थक विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से प्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और गिर गई. 

बीजेपी में जितिन प्रसाद के आने के बाद उनका तमाम पार्टी नेता स्वागत कर रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी खुशी जताते हुए जितिन प्रसाद का बीजेपी में स्वागत किया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन प्रसाद को छोटा भाई बताते हुए कहा कि जितिन आगे बढ़ती पार्टी की मुख्यधारा में आए हैं, उनका स्वागत है. सिंधिया के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जितिन प्रसाद का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के वृहद परिवार में शामिल होने पर जितिन प्रसाद का स्वागत है. जितिन प्रसाद के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में पार्टी को अवश्य मजबूती मिलेगी.'

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस के एक और बड़े नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. ब्राह्मण नेताओं का बड़ा चेहरा माने जाने वाले जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी की सदस्यता दिलवाई. जितिन प्रसाद पिछले काफी समय से कांग्रेस में उपेक्षित होने के कारण नेतृत्व से नाराज चल रहे थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो बीजेपी है. बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो बीजेपी है. 

 

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