कोरोना डेल्टा वैरिएंट से अभी और होंगे बुरे हालात, US साइंटिस्ट का दावा
कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी दुनिया परेशान है. कोविड 19 के दूसरी लहर आने की वजह कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को माना गया. बताया जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से हालात अभी और बुरे होने वाले है.
highlights
- 'डेल्टा वैरिएंट से दुनिया के हालात अभी और बुरे हो सकते हैं'
- 'बड़ी संख्या में ICU बेड की होगी जरूरत'
- ज्यादा संक्रामक हो सकता है डेल्टा का म्यूटेंट
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी दुनिया परेशान है. कोविड 19 के दूसरी लहर आने की वजह कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को माना गया. बताया जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से हालात अभी और बुरे होने वाले है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं यह दावा एक अमेरिकी वैज्ञानिक (US Scientist) ने किया है. उनका कहना है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) की वजह से दुनिया में हालात अभी और ज्यादा बिगड़ सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा में संक्रामक रोग विशेषज्ञ माइकल ओस्टरोम ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट अभी अपना और प्रचंड रूप दिखा सकता है. ओस्टरहोम के अनुसार दुनियाभर में बड़ी संख्या में आईसीयू बेड की आवश्यकता होगी.
मीडिया से बातचीत में ओस्टहोम ने कहा, वायरस का ये प्रकार बेहद संक्रामक है. अगर आप इस वायरस से बचना भी चाहेंगे तो ये आपको तलाश लेगा. आखिरकार ये आपको संक्रमित करके मानेगा. ओस्टहोम ने कहा ने कहा कि अमेरिका में जो लोग वैक्सीनेशन नहीं करवा रहे हैं वो अपने आप को खतरे में डाल रहे हैं. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेडरॉस अधोनम गेब्रेयेसुस ने भी हाल में डेल्टा वैरिएंट को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि दुनिया कोरोना महामारी के ‘बेहद खतरनाक दौर’ से गुजर रही है. दरअसल ये बात ओस्टरहोम कोरोना वैक्सीनेशन का पक्ष लेते हुए कह रहे थे. उनका कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए अभी एक मात्र उपाय वैक्सीनेशन है. उन्होंने कहा-अगर आप गंभीर संक्रमण से बचना चाहते हैं तो न सिर्फ खुद वैक्सीनेशन करवाएं बल्कि लोगों को प्रोत्साहित भी करें.
डेल्टा वैरिएंट के बाद कोरोना के आगामी म्यूटेंट को लेकर भी दुनियाभर में चिंता और चर्चा जारी है. इस पर भी ओस्टरहोम ने कहा है कि कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है. इस वक्त डेल्टा वैरिएंट ने अपनी संक्रामक क्षमता से सबको चकित किया है. अगर डेल्टा से म्यूटेट होकर कोई नया प्रकार सामने आता है तो निश्चित तौर पर बेहद संक्रामक और खतरनाक हो सकता है.
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